मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Monday, September 30, 2013
जीने वालों तुम्हें हुआ क्या है............."अख्तर"शीरानी
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किसको देखा है ये हुआ क्या है, दिल धड़कता है माज़रा क्या है. इक मुहब्बत थी मिट चुकी या रब तेरी दुनिया में अब धरा क्या है दिल में लेता है...
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मेरे सीने पे अलाव ही लगाकर देखो.............अहमद नदीम क़ासमी
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किस क़दर सर्द है यह रात-अंधेरे ने कहा मेरे दुशमन तो हज़ारों हैं - कोई तो बोले चांद की क़ाश भी तहलील हुई शाम के साथ और सितारे तो संभलने भी ...
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Sunday, September 29, 2013
ये गली सूनी पड़ी है घर चलो.................फ़ानी जोधपुरी
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रात की बस्ती बसी है घर चलो तीरगी ही तीरगी है घर चलो क्या भरोसा कोई पत्थर आ लगे जिस्म पे शीशागरी है घर चलो हू-ब-हू बेवा की उजड़ी मांग स...
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Saturday, September 28, 2013
ज़मीर और मतलब की यलग़ार में.............मुमताज़ नाज़ां
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ज़मीर और मतलब की यलग़ार में उजागर हुए ऐब किरदार में गिरा है ज़मीर ऐसा इंसान का क़बा बेच आया है बाज़ार में न पूछो वहाँ ऐश राजाओं के जहां ...
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Friday, September 27, 2013
इस दिल में तुम्हारी यादें.........मनीष गुप्ता
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क्यूँ खुद में कैद होकर लिए फिरता हूँ खुद को दर्द और ग़मों से भरा खंडहर सा मकान कोई साथ है ख्याबों के कारवाँ उनकी यादों को थामे हुए चल रह...
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Thursday, September 26, 2013
थाम कर पृथ्वी की गति..............दिविक रमेश
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चाहता हूं रुक जाए गति पृथ्वी की काल से कहूं सुस्ता ले कहीं आज मुझे बहुत प्यार करना है ज़िन्दगी से। खोल दूंगा आज मैं अपनी उदास खिड़कियां ...
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याद मेरी है वहां, गुजरी बहारों की तरह..........फ़ातिमा हसन
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चांदनी रात में कुछ फीके सितारों की तरह, याद मेरी है वहां, गुजरी बहारों की तरह.. जज़्ब होती रही हर बूंद मिरी आँखों में बात कर...
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