मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Thursday, February 28, 2013
कुछ तो कहें..............विजय निकोर
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तुम्हारी याद के मन्द-स्वर धीरे से बिंध गए मुझमें कहीं सपने में खो गए और मैं किंकर्तव्यविमूढ़ अपने विस्मरण से खीजता बटोरता...
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Wednesday, February 27, 2013
माँ....तुम अब क्या हो......... डॉ. मधुसूदन चौबे
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सुन, तू मेरी माँ नहीं, काम वाली बाई है.. शहर में मिलती नहीं, गाँव से आई है ... कोई भी पूछे, तो सबको यही बताना.. यहाँ मत रुक, जा अन्दर चली ज...
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Tuesday, February 26, 2013
एक मीठी याद अपनी...........जनकराज पारीक
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तुम्हारे नाम.. लिख रहा हूँ एक और खत तुम्हारे नाम धूप के आखर सियाही पुष्प के मकरंद की. एक मीठी याद अपनी प्रीत के अनुबन्ध की. ल...
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Monday, February 25, 2013
लौटकर कब आते हैं???????.........प्रीति सुराना
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सपने हैं घरौंदे, जो उजड़ जाते हैं,.... मौसम हैं परिन्दे, जो उड़ जाते हैं,.... क्यूं बुलाते हो, खड़े होकर बहते हुए पानी में उसे...
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Saturday, February 23, 2013
किसी को भूल सकता है कैसे?.............विजय निकोर
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अस्तित्व की शाखाओं पर बैठे अनगिन घाव जो वास्तव में भरे नहीं समय को बहकाते रहे पपड़ी के पीछे थे हरे आए-गए रिसते रहे क...
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जीवन है पुलकित, ये ऋतुराज बसंत है.........अंजली तिवारी
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उल्लास है उमंग है, मन में तरंग है, जीवन है पुलकित, ये ऋतुराज बसंत है... मंद है पवन, न ही शीत-न ही गर्म है, अंबर है ...
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Wednesday, February 20, 2013
महक उठी थी केसर..........................फाल्गुनी
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खिले थे गुलाबी, नीले, हरे और जामुनी फूल हर उस जगह जहाँ छुआ था तुमने मुझे, महक उठी थी केसर जहाँ चूमा था तुमने मुझे, बही थी म...
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