tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post886831408168454921..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: मुरझाया फूल ....महादेवी वर्मा yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-75732260712231818922020-08-12T23:30:11.260+05:302020-08-12T23:30:11.260+05:30मत व्यथित हो फूल‚ सुख किसको दिया संसार ने
स्वार्थम...मत व्यथित हो फूल‚ सुख किसको दिया संसार ने<br />स्वार्थमय सबको बनाया है यहां करतार ने।<br /><br />विश्व में हे फूल! सबके हृदय तू भाता रहा<br />दान कर सर्वस्व फिर भी हाय! हर्षाता रहा<br />जब न तेरी ही दशा पर दुख हुआ संसार को<br />कौन रोएगा सुमन! हम से मनुज निःसार को।<br />🙏🙏🙏🙏🙏🙏Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-17786085165925822902020-08-12T16:38:33.559+05:302020-08-12T16:38:33.559+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.8.2020 को चर्चा मंच...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.8.2020 को <a href="http://charchamanch.blogspot.com" rel="nofollow"> चर्चा मंच </a> पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|<br />धन्यवाद<br />दिलबागसिंह विर्क<br />दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.com