tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post7478551258963425815..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: प्रेम....भगवतीचरण वर्मा yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-44669800233308388052019-02-13T19:04:00.886+05:302019-02-13T19:04:00.886+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (14-02-2019...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (14-02-2019) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "प्रेमदिवस का खेल" (चर्चा अंक-3247) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />पाश्चात्य प्रणय दिवस की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-86444707921050141912019-02-13T13:51:46.917+05:302019-02-13T13:51:46.917+05:30भगवती चरण वर्मा हिंदी साहित्य की उन बहुमुखी विभूति...भगवती चरण वर्मा हिंदी साहित्य की उन बहुमुखी विभूतियों में से थे जिन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास आदि सभी क्षेत्रों में लोकप्रियता के कीर्तिमान स्थापित किये थे. कविता में छायावाद, रूमानीवाद से लेकर प्रगतिवाद तक वह छाए हुए हैं. मैं 'चित्रलेखा' उपन्यास, 'दो-बांके', और प्रायिश्चित व्यंग्य कथाओं और यथार्थवादी कविता - 'भैंसागाड़ी' को हिंदी साहित्य की अनुपम देन मानता हूँ. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-78750484914749404182019-02-13T09:33:47.610+05:302019-02-13T09:33:47.610+05:30वाहवाहसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-89270288786440129122019-02-13T09:10:52.317+05:302019-02-13T09:10:52.317+05:30था प्रेम किया हमने-तुमने
इतना कर लेना याद प्रिये,
...था प्रेम किया हमने-तुमने<br />इतना कर लेना याद प्रिये,<br />बस फिर कर देना वहीं क्षमा<br />यह पल-भर का उन्माद प्रिये।...बेहतरीन रचना 👌<br />सादर <br />अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.com