tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post501833968859396556..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: अपनी बेईमानी भूल मत जाना ...........सचिन अग्रवालyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-14085813761595173572013-07-22T23:15:53.846+05:302013-07-22T23:15:53.846+05:30
अदावत मरते दम तक है निभानी, भूल मत जाना
रिवायत है...<br />अदावत मरते दम तक है निभानी, भूल मत जाना<br />रिवायत है हमारी खानदानी, भूल मत जाना<br /><br />हुस्न ए मतला , वाह बहुत सुंदर भाव पूर्ण गजल है, शुभकामनाये <br /><br /><br />यहाँ भी पधारे <br />गुरु को समर्पित<br />http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_22.htmlDr. Shoryahttps://www.blogger.com/profile/03251125311923382578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-89992634869528643192013-07-22T18:18:34.124+05:302013-07-22T18:18:34.124+05:30कब का भूल गए
चौथे तक
बस चार दिन याद रहता है
नवीन...कब का भूल गए<br />चौथे तक<br /> बस चार दिन याद रहता है <br />नवीन अनुभूति के लिए सब तैयार हैं<br />हार्दिक शुभकामनायें .....विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-46965395854608412572013-07-22T15:34:15.951+05:302013-07-22T15:34:15.951+05:30कुल करनी के कारनै, हंसा गया बिगोय ।
तब कुल का को ल...कुल करनी के कारनै, हंसा गया बिगोय ।<br />तब कुल का को लाजि है, चारि पाँव का होय ।।<br />----- ।। कबीर ।। -----<br /><br />भावार्थ : -- कुल अर्थात खानदान की करनी के कारण हंस भी बिगड़ जाता है, अर्थात उत्तम जाति भी अनुत्तम हो जाती है । तब उस कुल का क्या मान -मर्यादा रही, जब वह और बिगड़ कर चार पाँव का जंतु हो गया ।। Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.com