tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post493558881091244141..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: भोर का संजीवन लाता सूरज....श्वेता सिन्हाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-25604897506485000902017-12-02T18:19:36.226+05:302017-12-02T18:19:36.226+05:30महल झोपड़ी का भेद न जाने
जीव- जगत वो अपना माने
वाह...महल झोपड़ी का भेद न जाने<br /><br />जीव- जगत वो अपना माने<br />वाह. <br /> सचमुच प्रकृति कभी भेदभाव नहीं करती. यह तो हम मनुष्यों की देन है. मनोहारी रचना.बधाई <br />~Sudha Singh vyaghr~https://www.blogger.com/profile/13043026454798527340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-48215205261555339642017-12-02T17:20:41.594+05:302017-12-02T17:20:41.594+05:30सुन्दर रचना सुन्दर रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-88126464686717042822017-12-02T12:33:18.282+05:302017-12-02T12:33:18.282+05:30जब प्रकाश का आगमन होता है तो कितना कुछ साथ स्वतः ह...जब प्रकाश का आगमन होता है तो कितना कुछ साथ स्वतः हाई आ जाता है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-1593789052116092002017-12-01T21:01:55.716+05:302017-12-01T21:01:55.716+05:30हमेशा की तरह लाजवाब शब्दों की जादूगरी कोई आप से सी...हमेशा की तरह लाजवाब शब्दों की जादूगरी कोई आप से सीखे श्वेता अतुलनीय काव्य आपका हर दिन और भी निखरता जा रहा है।<br />शुभ संध्या। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-65810861409068195632017-12-01T18:01:32.766+05:302017-12-01T18:01:32.766+05:30वाह !सुहानी भोर का मनोरम दृश्य उकेरती आधुनिक कविता...वाह !सुहानी भोर का मनोरम दृश्य उकेरती आधुनिक कविता जो कुछ नए-पुराने शब्दों से भी परिचित कराती है। वाचक को सुखद एहसास कराती हुई कल्पनालोक की यात्रा पर ले जाती उत्कृष्ट रचना। बधाई एवं शुभकामनाऐं आदरणीया श्वेता जी। <br /><br />Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-14356576539032306402017-12-01T14:56:31.571+05:302017-12-01T14:56:31.571+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (02-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (02-12-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "पढ़े-लिखे मुहताज़" (चर्चा अंक-2805) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-46653087007813245912017-12-01T10:11:57.371+05:302017-12-01T10:11:57.371+05:30वाह....बहुत सूंदरवाह....बहुत सूंदरNITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-30534526488480832412017-12-01T07:45:25.314+05:302017-12-01T07:45:25.314+05:30सुन्दर रचना।सुन्दर रचना।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com