tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post4502007146413043258..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: पानी सी होती हैं स्त्रियां ...निधि सक्सेनाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-31590234211220098172020-07-01T02:39:55.764+05:302020-07-01T02:39:55.764+05:30हम्म्म
हम सब कुछ हो जाती हैं :)
पर जाएं इंस...हम्म्म <br /><br /><br /><br />हम सब कुछ हो जाती हैं :)<br /><br /><br /><br />पर जाएं इंसान कब हो पाएंगी, महानता के रंग से धूल कर सिर्फ इंसान <br /><br /><br /><br />आपकी रचना सत्य है। .... हर सत्य की तरह कड़वा :) <br /><br />हम सब के सब कुछ हो जाती हैं। .. पानी भी धुल भी फूल भी शूल भी :)<br /><br /><br /><br />आपकी रचना को विचारों एम् उथल पुथल मचाती हैं , साहसिक रचना <br /><br />सादर नमस्कार VenuS "ज़ोया"https://www.blogger.com/profile/03536990933468056653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-59635733763856623062020-06-30T09:50:08.038+05:302020-06-30T09:50:08.038+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 30 जून 2020 को साझा की गई है....<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>दिव्या अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/17744482806190795071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-8302628827232560322020-06-30T05:22:46.677+05:302020-06-30T05:22:46.677+05:30स्त्रियाँ तो बस स्त्रियाँ ही होती हैं - शिव की शक्...स्त्रियाँ तो बस स्त्रियाँ ही होती हैं - शिव की शक्ति, सृजन का सूत्रधार और संस्कृति का सूत्र! बहुत सुंदर रचना!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com