Saturday, January 11, 2020

सन्तोष ...रेवा टिबड़ेवाल

जब मन उदास होता है
और तुम्हारा साथ नहीं
मिलता
तो तुम्हारे लिखे शब्द
पढ़ लेती हूँ

हर बार उन्हें पढ़ कर
चेहरे पर मुस्कुराहट
तैर जाती है
संतोष से भर उठता है मन
के दुनिया के एक कोने में
कोई है जो मुझे मुझसे बेहतर
जानता है
जो हर बार कुछ ऐसा महसूस
कराता है की जिंदगी से
प्यार हो जाता है
जिसका प्यार मुझे कमज़ोर
कतई नहीं करता
बल्कि
दोगुनी ताक़त से भर देता है
जानते हो
दुनिया कैसी भी हो
पर जब तक तुम जैसे
प्यार करने
वाले इंसान ज़िंदा है
दुनिया में अच्छाई और
इंसानियत कायम
रहेगी
-रेवा 
मूल रचना

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