Saturday, August 17, 2019

स्वर्ग होता है कहाँ..... अरुण

मुझसे..
मत पूछिये.
कि मैं क्या लाया.
पालकी प्यार की.
सजा  लाया | 
..........
जागता है वो   
अब मेरी तरह.
नींद उसकी.
आँखों से ही 
चुरा लाया |
..............

उसने..
पूछा कि..   
चाँद कैसा है
आइना उसे   
बस दिखा दिया |
................
स्वर्ग....
होता है कहाँ.....,
बताना था उसे
मैं गाँव अपना...
उसे घुमा लाया...
..............
गम नहीं है 
हमें जुदाई का 
आपसे, 
फिर मिलेंगे  
अगर खुदा चाहे |
-अरुण

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