Friday, May 24, 2019

कुछ अशआर...प्रीति श्रीवास्तव

वफा के बदले वफा क्यूँ नहीं देते।
जख्म दिया है दवा क्यूँ नहीं देते।।

आंख है नम जो तुम्हारी साथ से।
तुम उसे अभी भुला क्यूँ नहीं देते।।

मुहब्बत नहीं जब तुम्हारी रूह से।
गुनाह की उसे सजा क्यूँ नहीं देते।।
-प्रीति श्रीवास्तव

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