Saturday, January 27, 2018

एक स्पर्श.....मीना चोपड़ा


यहीं से उठता है
वह नगाड़ा
वह शोर
वह नाद
जो हिला देता है
पत्थरों को
झरनों को
आकश को
वही सब जो मुझमें
धरा है।
सिर्फ़ नहीं है
तो एक स्पर्श
जहाँ से यह सब
उठता है।

-मीना चोपड़ा
नैनीताल

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