Sunday, April 17, 2016

किसने ऐसा किया इशारा था............डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री


किसने ऐसा किया इशारा था
ख़त मेरा था पता तुम्हारा था

तुम ये कहते हो भूल जाऊँ मैं
तुमने मेरा चेहरा उतारा था

काम आई फिर अपनी ताकत ही
कोई किसका यहां सहारा था

हम अदालत में झूठ कह बैठे
और बाक़ी न कोई चारा था

फिर इकबार तुम तो सुन लेते
मैंनें तुमको अगर पुकारा था

इश्क़ में ये बात अहम ही नहीं
कौन जीता था कौन हारा था

उसको कहते थे लोग सब ज़ालिम
फिर भी बच्चा वो मां को प्यारा था

- डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री
मधुरिमा से...

3 comments:

  1. शानदार है।
    आभार आपका आप मेरे ब्‍लॉग तक आई मैं प्रोत्‍साहित हुआ

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  2. इश्क़ में ये बात अहम ही नहीं
    कौन जीता था कौन हारा था

    बहोत खूब।

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