tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post7740203986033415775..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: वो हर युग में छली जाती हैं ...वसुंधरा व्यास yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-89713268965092714742021-01-02T14:16:08.517+05:302021-01-02T14:16:08.517+05:30वाह वसुंधरा जी क्या खूब लिखा है...स्त्रियाँ कभी न...वाह वसुंधरा जी क्या खूब लिखा है...स्त्रियाँ कभी नहीं <br />सहना चाहतीं<br />अपनी अस्मिता पर आघात<br /> और.. तिरस्कार <br />इसीलिए... <br />स्त्रियाँ सुनती नहीं. <br />बुनती हैं <br />संवेदनाओं की सलाइयों पर<br />सुलगते एहसासों के नर्म- गर्म स्वेटर...वाहAlaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-65314526725872345822021-01-01T21:16:57.478+05:302021-01-01T21:16:57.478+05:30उन्हें पता है कि,
वो हर युग में छली जाती हैं
इस...उन्हें पता है कि, <br />वो हर युग में छली जाती हैं <br />इसीलिए, <br />स्त्रियाँ सुनती नहीं <br />धुनती हैं जीवन को रुई की तरह<br />और ढूंढ ही लेती हैं <br />मोक्ष का मार्ग... <br />प्रेम से<br />वात्सल्य से बहुत सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं। Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-88317567212814270142021-01-01T11:28:00.300+05:302021-01-01T11:28:00.300+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 01 जनवरी 2021 को साझा की गई है....<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>दिव्या अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/17744482806190795071noreply@blogger.com