tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post7143100037538725643..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: इक न इक दिन.......निर्मल सिद्धूyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-68337560350319057062018-01-22T16:56:03.752+05:302018-01-22T16:56:03.752+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (2...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-01-2018) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in//" rel="nofollow"> "जीवित हुआ बसन्त" (चर्चा अंक-2857) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />बसन्तपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-2808612445895866242018-01-22T11:03:58.564+05:302018-01-22T11:03:58.564+05:30तेरा बाबा
बूढे बाबा का जब चश्मा टूटा
बोला बेटा कुछ... तेरा बाबा<br />बूढे बाबा का जब चश्मा टूटा<br />बोला बेटा कुछ धुंधला धुंधला है<br />तूं मेरा चश्मां बनवा दे,<br />मोबाइल में मशगूल<br />गर्दन मोड़े बिना में बोला<br />ठीक है बाबा कल बनवा दुंगा,<br />बेटा आज ही बनवा दे<br />देख सकूं हसीं दुनियां<br />ना रहूं कल तक शायद जिंदा,<br />जिद ना करो बाबा<br />आज थोड़ा काम है<br />वेसे भी बूढी आंखों से एक दिन में<br />अब क्या देख लोगे दुनिया,<br />आंखों में दो मोती चमके<br />लहजे में शहद मिला के<br />बाबा बोले बेठो बेटा<br />छोड़ो यह चश्मा वस्मा<br />बचपन का इक किस्सा सुनलो<br />उस दिन तेरी साईकल टूटी थी<br />शायद तेरी स्कूल की छुट्टी थी<br />तूं चीखा था चिल्लाया था<br />घर में तूफान मचाया था<br />में थका हारा काम से आया था<br />तूं तुतला कर बोला था<br />बाबा मेरी गाड़ी टूट गई<br />अभी दूसरी ला दो<br />या फिर इसको ही चला दो<br />मेने कहा था बेटा कल ला दुंगा<br />तेरी आंखों में आंसू थे<br />तूने जिद पकड़ ली थी<br />तेरी जिद के आगे में हार गया था<br />उसी वक्त में बाजार गया था<br />उस दिन जो कुछ कमाया था<br />उसी से तेरी साईकल ले आया था<br />तेरा बाबा था ना<br />तेरी आंखों में आंसू केसे सहता<br />उछल कूद को देखकर<br />में अपनी थकान भूल गया था<br />तूं जितना खुश था उस दिन<br />में भी उतना खुश था<br />आखिर "तेरा बाबा था ना"देशवालीhttps://www.blogger.com/profile/09399363512978258811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-6912321919901350702018-01-22T10:10:55.834+05:302018-01-22T10:10:55.834+05:30बहुत सुंदर और शानदार रचनाबहुत सुंदर और शानदार रचनाNITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.com