tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post659571237239425419..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: आज विश्व गौरैया दिवस पर ...इ. गणेश बागीyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-48256670872975498752020-03-21T07:07:14.065+05:302020-03-21T07:07:14.065+05:30आहा ! यह क्या...
आ गयीं कुछ गौरैया
जैसे बड़े दिन बा...आहा ! यह क्या...<br />आ गयीं कुछ गौरैया<br />जैसे बड़े दिन बाद आयी हों<br />पीहर में बेटियाँ....<br />वाह!!!<br />बहुत ही सुन्दर मनभावन सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-46362430966046044862020-03-20T17:21:08.559+05:302020-03-20T17:21:08.559+05:30वाह!सुंदर सृजन ।वाह!सुंदर सृजन ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-78455783869229869672020-03-20T17:08:39.887+05:302020-03-20T17:08:39.887+05:30
शहर में गौरैया बहुत ही कम संख्या में दिखाई देती ह...<br />शहर में गौरैया बहुत ही कम संख्या में दिखाई देती हैं, उसके बारे में सुनते ही कई यादें ताज़ी हो जाती हैं <br />बहुत सुन्दर सामयिक रचना कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-70018471156797674842020-03-20T12:06:11.720+05:302020-03-20T12:06:11.720+05:30एक समय था जब पेड़ों के ऊपर गौरैयों का जमावड़ा होता...एक समय था जब पेड़ों के ऊपर गौरैयों का जमावड़ा होता था। गर्मियों के दिनों मे उनकी चीं-चीं की आवाज कानों में चुभने सी लग जाती थी, फिर दोड़कर बाहर जाकर उन्हें डरा कर चुप कराना अच्छा लगता था। <br /><br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-58565332236959107182020-03-20T10:29:34.716+05:302020-03-20T10:29:34.716+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 20 मार्च 2020 को साझा की गई है......<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-83415433126728035302020-03-20T06:21:50.604+05:302020-03-20T06:21:50.604+05:30बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.com