tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post5588466029714055810..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: पता नही क्या हुआ....श्वेता सिन्हाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-15786860393157792312019-01-25T23:05:38.287+05:302019-01-25T23:05:38.287+05:30क्यों ख़्यालों से कभी
ख़्याल तुम्हारा जुदा नहीं,
बिन...क्यों ख़्यालों से कभी<br />ख़्याल तुम्हारा जुदा नहीं,<br />बिन छुये एहसास जगाते हो<br />मौजूदगी तेरी लम्हों में,<br />पाक बंदगी में दिल की<br />तुम ही हो ख़ुदा नहीं।<br />प्रिय श्वेता रूहानी प्रेम का चरम !!!! सुंदर सार्थक रचना | शुभकामनायें और मेरा प्यार | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-1508999609646667402019-01-25T22:03:57.004+05:302019-01-25T22:03:57.004+05:30हरेक शय में तस्वीर तेरी
उफ़!,ये क्या हुआ पता नहीं.....हरेक शय में तस्वीर तेरी<br />उफ़!,ये क्या हुआ पता नहीं..<br />...वाह...बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-86426237141888819632019-01-25T17:32:40.315+05:302019-01-25T17:32:40.315+05:30बहुत ही उत्कृष्ट सृजन...
वाह!!!!बहुत ही उत्कृष्ट सृजन...<br />वाह!!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-63208599336005019522019-01-25T11:20:50.551+05:302019-01-25T11:20:50.551+05:30वल्लाह लाजवाब .
लेखनी हिय पर चली
भाव भाव गति देय ...वल्लाह लाजवाब .<br />लेखनी हिय पर चली <br />भाव भाव गति देय <br />कतरा कतरा इश्क का <br />खुद स्वरूप भर लेय ॥ <br />डॉ इन्दिरा गुप्ता drindira .blogspot .comhttps://www.blogger.com/profile/01392643845160988757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-81549751071135254242019-01-25T07:49:58.008+05:302019-01-25T07:49:58.008+05:30बहुत ख़ूब श्वेता, एक पुराना नग्मा याद आ गया -
'...बहुत ख़ूब श्वेता, एक पुराना नग्मा याद आ गया - <br />'मैं जब भी अकेली होती हूँ,<br />तुम चुपके से याद आते हो----.' गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-14941441333171013712019-01-25T06:54:44.810+05:302019-01-25T06:54:44.810+05:30बचपना दिल का छूटता नहीं
तेरी बे-रुख़ी की बातों पर भ...बचपना दिल का छूटता नहीं<br />तेरी बे-रुख़ी की बातों पर भी<br />दिल तुझसे रूठता नहीं<br />क़तरा-क़तरा घुलकर इश्क़<br />सुरुर बना छा गया<br />हरेक शय में तस्वीर तेरी<br />उफ़!,ये क्या हुआ पता नहीं....बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय श्वेता जी <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-2563543988255583612019-01-25T06:44:06.365+05:302019-01-25T06:44:06.365+05:30हरेक शय में तस्वीर तेरी
उफ़!,ये क्या हुआ पता नहीं.....हरेक शय में तस्वीर तेरी<br />उफ़!,ये क्या हुआ पता नहीं....!भावनाओं का अपरिमेय विस्तार, कल्पनाओं के पार!!! आभार!!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com