tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post3939926836986045224..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: नन्हीं कलाइयों की गुलाबी चूड़ियाँ,,,,बाबा नागार्जुनyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-85722360691185741272017-11-20T18:42:02.301+05:302017-11-20T18:42:02.301+05:30बहुत भावपूर्ण !बहुत भावपूर्ण !ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-74374429046133726202017-11-19T20:21:39.716+05:302017-11-19T20:21:39.716+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-80798070470234427712017-11-18T18:27:37.614+05:302017-11-18T18:27:37.614+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (19-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (19-11-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "श्रीमती इन्दिरा गांधी और अमर वीरंगना लक्ष्मीबाई का 192वाँ जन्मदिवस" (चर्चा अंक 2792) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-90233448290278960142017-11-18T14:21:38.083+05:302017-11-18T14:21:38.083+05:30बहुत खूब कहा कुसुम जी ने बाबा नागार्जुन के बारे म...बहुत खूब कहा कुसुम जी ने बाबा नागार्जुन के बारे में...Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-14409095902173767412017-11-18T14:20:44.778+05:302017-11-18T14:20:44.778+05:30आज तो यशोदा जी, आपने बाबा को साक्षात् हमारे सामने ...आज तो यशोदा जी, आपने बाबा को साक्षात् हमारे सामने ला दिया... छलक रहा था दूधिया वात्सल्य बड़ी-बड़ी आँखों में, तरलता हावी थी सीधे-साधे प्रश्न पर...बेटियां ऐसी ही होती हैं स्वयं गुलाबी चूडियों में लिपटी-गुंथी हुई सी...धन्यवादAlaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-28836546093653112222017-11-18T08:35:06.237+05:302017-11-18T08:35:06.237+05:30बाबा नागार्जुन अदभुत लिखते हैं।बाबा नागार्जुन अदभुत लिखते हैं।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-85271378888201929232017-11-18T08:11:18.811+05:302017-11-18T08:11:18.811+05:30चुडियों की हल्की खनक
सुनाती एक संगीत लहरी
विदाई का...चुडियों की हल्की खनक<br />सुनाती एक संगीत लहरी<br />विदाई का संगीत<br />कहती बाबूल मे सोन चिरईयां, <br />खनकाती चुडियां ले<br />तेरे दरख्त से उड किसी<br />और मुंडेर पर जा बैठूंगी<br />आंख से झरते मोती छोड<br />तेरे आंगन को सूना कल<br />कहीं और जा बसूंगी।<br />बाबा नागार्जुन जी की मर्मस्पर्शी कविता गहरे कहीं अन्तः स्थल को छू गई।<br />आपको ढेर सा आभार यशोदा जी इसे प्रेसित करने के लिए।<br />सुप्रभात शुभ दिवस।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.com