tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post3377982369950514759..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: अपने हाथ लरजते देखे, अपने आप ही संभली मैं................किश्वर नाहिद yashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-75468029579505643792013-12-13T16:56:47.466+05:302013-12-13T16:56:47.466+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपकी इस प्रविष्टि् की चर...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (14-12-2013) <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"> "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1461 </a> पर होगी.<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.<br />सादर...!<br />Rajeev Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/12748535881221017180noreply@blogger.com