tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post2875478735785045329..comments2024-03-07T12:36:27.252+05:30Comments on मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह: ग़ज़ल मैंने भी लिखी है. ..अरूणिमा सक्सेनाyashoda Agrawalhttp://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-51869934677302881952020-01-18T10:29:02.045+05:302020-01-18T10:29:02.045+05:30वाहवाहसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2015649890087285472.post-22844044459697258412020-01-18T07:02:09.030+05:302020-01-18T07:02:09.030+05:30छाया यहाँ नहींअब शायद इसी लिए
पेड़ों के कौन ले गय...छाया यहाँ नहींअब शायद इसी लिए<br />पेड़ों के कौन ले गया ज़ेवर उतार के ।।<br />आदरणीया अरुणिमा जी, वैसे तो गजलें मुझे कम ही प्रभावित करती हैं, लेकिन आपके इन पंक्तियों में गजब की ताकत है और आकर्षण भी। लिखते रहें । बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ।<br />पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.com